
मतांतरण के मास्टरमाइंड छांगुर बाबा की करोड़ों की संपत्ति जांच के घेरे में
बलरामपुर। मतांतरण के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी करीबी नीतू नवीन रोहरा उर्फ नसरीन पत्नी नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन की संपत्तियों पर शिकंजा कसता जा रहा है। उतरौला से लेकर पुणे (महाराष्ट्र) तक फैली जमीनों की जांच तेज कर दी गई है।
उतरौला के मधपुर में सरकारी जमीन पर बनी कोठी गिराने की कार्रवाई शुरू होने के बाद बाकी संपत्तियां भी जांच के दायरे में आ गई हैं। यदि इन जमीनों की गंभीरता से जांच हुई तो कई तहसील कर्मियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ सकती है।
जानकारी के अनुसार, उतरौला नगर में तालाब की जमीन को छांगुर बाबा ने तहसील कर्मियों की मिलीभगत से खतौनी में दर्ज करवाया और 12 नवंबर 2023 को लगभग एक करोड़ रुपये में नीतू के नाम पर खरीद लिया। जबकि नगर पालिका के तत्कालीन ईओ ने 2022 में ही एडीएम को पत्र लिखकर तालाब की जमीन को पाटने से रोकने का आग्रह किया था। इसके बावजूद छांगुर बाबा ने यह जमीन हथिया ली।
उतरौला नगर में छांगुर बाबा ने दो शोरूम भी खोल रखे हैं और अपने मूल गांव रेहरामाफी में तीन हजार वर्ग फीट क्षेत्रफल में खुद और अपने अनुयायियों के लिए मकान बनवाया है।
इतना ही नहीं, ग्राम कुनेनामा तहसील मावल, जिला पुणे, महाराष्ट्र में 16 करोड़ रुपये की जमीन का सौदा भी किया गया है। इस सौदे में सीजेएम कोर्ट में तैनात लिपिक राजेश उपाध्याय की पत्नी संगीता देवी को मुनाफे का हिस्सा दिए जाने का भी उल्लेख है। इसका जिक्र आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) द्वारा दर्ज रिपोर्ट में किया गया है।
इन सभी संपत्तियों की जांच जारी है। जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने बताया कि छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों की संपत्तियों की जांच की जा रही है और आगे की कार्रवाई जल्द सार्वजनिक की जाएगी।
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