
दलाई लामा को भारत रत्न देने की मांग, पेमा खांडू केंद्र को लिखेंगे सिफारिश पत्र
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा है कि तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा को भारत रत्न प्रदान किया जाना चाहिए और वह इसके लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखेंगे। खांडू ने मंगलवार को &39;पीटीआई वीडियो&39; के साथ साक्षात्कार में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि दलाई लामा ही थे जिन्होंने &39;नालंदा स्कूल ऑफ बुद्धिज्म&39; का प्रचार और विस्तार किया। खांडू ने बताया कि आठवीं शताब्दी में नालंदा विश्वविद्यालय से कई गुरु तिब्बत गए थे, जहाँ उस समय &39;बोन&39; धर्म प्रचलित था। &39;बोन&39; और &39;बौद्ध&39; धर्म के सम्मिश्रण से तिब्बती बौद्ध धर्म की अवधारणा बनी, जो पूरे तिब्बत में फैली।
खांडू के अनुसार, तिब्बती बौद्ध धर्म की यह अवधारणा हिमालयी क्षेत्र में लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैली हुई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगले दलाई लामा के चयन पर चीन का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि तिब्बती बौद्ध धर्म का पालन मुख्य रूप से तिब्बत और भारत के हिमालयी क्षेत्रों में होता है, न कि मुख्य भूमि चीन में।
गौरतलब है कि चौदहवें दलाई लामा को 1959 में तिब्बत पर चीनी आक्रमण के बाद भारत में शरण लेनी पड़ी थी। तब से वे हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में निर्वासन में रह रहे हैं। सांसदों के एक समूह द्वारा भारत रत्न दिए जाने के समर्थन में चलाए जा रहे अभियान को लेकर खांडू ने इस पहल की सराहना की।
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