
शिक्षकों के आंदोलन पर पवार का सरकार को अल्टीमेटम, कहा- निर्णय लेने में एक दिन भी न लगे
मुंबई। राज्य विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान बीते चार दिनों से आंदोलनरत शिक्षकों के समर्थन में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार से मांग की कि वह उनकी मांगों के समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई करे। उन्होंने दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में प्रदर्शनकारी शिक्षकों से मुलाकात की और संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार को इस मामले में देरी नहीं करनी चाहिए।
शिक्षकों का आरोप है कि सरकार द्वारा अनुदान राशि बढ़ाने की घोषणा के बावजूद स्कूलों को दी जाने वाली सहायता राशि में कोई वृद्धि नहीं हुई है। साथ ही जो अनुदान जारी हो रहा है वह भी किस्तों में मिल रहा है, जिससे स्कूल संचालन में कठिनाई हो रही है।
पवार ने कहा, “राज्य सरकार को इस मुद्दे का समाधान करने में एक दिन से ज्यादा का समय नहीं लेना चाहिए। मैं पिछले 56 वर्षों से विभिन्न विधायी सदनों में काम कर चुका हूं, मुझे पता है निर्णय कैसे लिए जाते हैं।” उन्होंने अनुदान की किस्तों में अदायगी की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा, “वास्तविक वित्तीय आवंटन के बिना आदेश जारी करना बेकार है। ऐसे आदेशों को रद्दी की टोकरी में फेंक देना चाहिए। सरकार अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकती।”
इस मौके पर लोकसभा सदस्य निलेश लंके और विधायक रोहित पवार भी उनके साथ मौजूद थे। पवार ने कहा, “चाहे वह सरकारी हों या अर्ध-सरकारी कर्मचारी, सभी महत्वपूर्ण हैं। शिक्षक समाज को ज्ञान देने का कार्य करते हैं। राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह उन्हें सम्मानजनक और गरिमापूर्ण जीवन जीने का अवसर दे।”
उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षक नयी पीढ़ी को आकार देते हैं, ऐसे में महाराष्ट्र के लिए यह शर्म की बात है कि उन्हें अपनी ‘वाजिब’ मांगों के लिए बारिश में बैठकर आंदोलन करना पड़ रहा है।
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