
जनरल द्विवेदी बोले- ऑपरेशन सिंदूर का असर आकलन करना अभी जल्दबाजी, आतंकवाद खत्म नहीं हुआ
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में 7 मई को शुरू किया गया भारत का सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर तीन दिनों में समाप्त नहीं हुआ, बल्कि लंबे समय तक चला। नई दिल्ली में एक पुस्तक विमोचन समारोह में उन्होंने कहा कि 10 मई को युद्ध समाप्त मानना सही नहीं है, क्योंकि इसके बाद भी कई निर्णय लेने थे और ऑपरेशन आगे तक जारी रहा।
भारत-पाकिस्तान सीमा पर हालात को लेकर उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा पर ऑपरेशन सिंदूर के प्रभाव का आकलन करना अभी जल्दबाजी होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद अभी खत्म नहीं हुआ है और एलओसी पर घुसपैठ के प्रयास लगातार जारी हैं। उनके अनुसार, कई आतंकवादी मारे गए हैं लेकिन कुछ बचकर निकलने में भी सफल रहे हैं।
जनरल द्विवेदी ने ऑपरेशन के दौरान तीनों सेनाओं और सुरक्षा बलों के बीच बेहतर तालमेल को रेखांकित किया। उन्होंने भारतीय सेना की संयुक्त गतिविधियों को एक लयबद्ध लहर से तुलना करते हुए कहा कि हर सैनिक अपने आदेशों के प्रति पूरी तरह जागरूक था।
थिएटरीकरण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भविष्य में तीनों सेनाओं का एकीकरण अनिवार्य है। आधुनिक युद्ध में, जहाँ सेना, वायुसेना, नौसेना के साथ-साथ नागरिक और साइबर एजेंसियों की भागीदारी होती है, एकीकृत कमान संरचना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि इतनी सारी एजेंसियों के बीच प्रभावी समन्वय के लिए थिएटरीकरण ही एकमात्र समाधान है। कमान की एकता सर्वोपरि है और सफल निष्पादन के लिए एक ही कमांडर आवश्यक है।
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