
उत्तरकाशी में बादल फटने से तबाही, 50 से अधिक लापता; मोदी-धामी ने की बात, सेना का रेस्क्यू जारी
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में लगातार हो रही भारी बारिश के बीच बुधवार सुबह धराली में आपदा पीड़ितों की तलाश के लिए बचाव और राहत कार्य दोबारा शुरू किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत कर स्थिति की जानकारी ली। मंगलवार दोपहर बाद खीरगंगा नदी में बादल फटने से आई भीषण बाढ़ में धराली गांव का आधा हिस्सा तबाह हो गया। यह गांव गंगोत्री धाम से 20 किलोमीटर पहले है और यात्रा का प्रमुख पड़ाव भी है। सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, इस आपदा में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 130 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि 50 से ज्यादा लोग अब भी लापता हो सकते हैं क्योंकि बाढ़ अचानक आई और उन्हें भागने का मौका नहीं मिला।
मलबे से अभी तक कोई शव बरामद नहीं हुआ है। सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि लापता लोगों में 11 सैनिक भी शामिल हैं। 14 राज राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल हर्षवर्धन 150 सैनिकों की टीम के साथ राहत अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं। सेना ने फंसे लोगों को निकालने के लिए एमआई-17 और चिनूक हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं। मुख्यमंत्री धामी बुधवार को धराली बाजार, हर्षिल और आसपास के क्षेत्रों में नुकसान का जायजा लेंगे।
आपदा के बाद राज्य सरकार ने राहत कार्यों और संपत्तियों की मरम्मत के लिए राज्य आपदा मोचन निधि से 20 करोड़ रुपये जारी किए हैं। स्वास्थ्य महानिदेशक सुनीता टम्टा ने पांच विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम को तत्काल उत्तरकाशी भेजा है, जिसमें एक जनरल सर्जन और दो हड्डी रोग विशेषज्ञ शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री से बात कर राहत कार्यों की जानकारी ली और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
धरासू क्षेत्र में भूस्खलन के चलते सड़क पर चट्टानें गिरने से दोनों ओर यातायात रोक दिया गया है। गनीमत रही कि घटना सुबह हुई, जब सड़क पर कोई वाहन नहीं था। अलकनंदा और भागीरथी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। भटवारी के पास भागीरथी नदी का बहाव बेहद तेज है और वहां सड़क पूरी तरह से कट चुकी है, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन और अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है।
उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जिलों में पिछले 17 घंटे से लगातार बारिश हो रही है। गौरीकुंड समेत कई क्षेत्रों में भूस्खलन से सड़कें मलबे से भर गई हैं। बिगड़ते मौसम के कारण केदारनाथ यात्रा को भी अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है। प्रशासन तीर्थयात्रियों से सुरक्षित स्थानों पर ठहरने की अपील कर रहा है।
Latest News
