बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर संसद के दोनों सदनों में जोरदार विरोध जारी है। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि निर्वाचन आयोग की यह कवायद केंद्र सरकार की मिलीभगत से की जा रही है, जिसका उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को मताधिकार से वंचित करना है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी एसआईआर के खिलाफ तीखा हमला बोला है। पश्चिम मेदिनीपुर जिले के बाढ़ प्रभावित घाटल क्षेत्र के दौरे पर उन्होंने कहा कि यह योजना भाजपा-नीत केंद्र सरकार के दिमाग की उपज है, जिसमें निर्वाचन आयोग को भी शामिल किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बांग्ला भाषी भारतीय नागरिकों को बांग्लादेशी बताकर जबरन भेजा जा रहा है। बनर्जी ने चेतावनी दी कि वह राज्य में एसआईआर लागू नहीं होने देंगी और कहा कि यह प्रक्रिया सभी धर्मों के नागरिकों को प्रभावित करेगी।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि एसआईआर के नाम पर एनआरसी लागू करने की कोशिशें की जा रही हैं और प्रवासी कामगारों को उनकी मातृभाषा के कारण अन्य राज्यों में उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें दबाने के लिए कुछ हलकों से उन पर एनएसए के तहत कार्रवाई की मांग भी की जा रही है।