वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर चुनाव बहिष्कार का विकल्प खुला रखने संबंधी तेजस्वी यादव के बयान पर बिहार की राजनीति में सियासी घमासान तेज हो गया है। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने तेजस्वी पर तीखा पलटवार करते हुए उन्हें खुली चुनौती दी है।
चिराग पासवान ने कहा कि अगर हिम्मत है तो चुनाव बहिष्कार करके दिखाएं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनता दल अकेले चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं है, इसलिए कांग्रेस के साथ गठबंधन में है। चिराग ने दावा किया कि यहां तक कि कांग्रेस भी अकेले लड़ने की हिम्मत नहीं रखती। उन्होंने याद दिलाया कि 2020 में उन्होंने खुद अकेले चुनाव लड़ा था।
पासवान ने तेजस्वी यादव पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने लोगों को डराने की कोशिश की थी। उस समय कहा जा रहा था कि संविधान और आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा, लेकिन क्या ऐसा हुआ? उन्होंने कहा कि एसआईआर को लेकर तेजस्वी वैसा ही भ्रम फैला रहे हैं जैसा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समय किया गया था।
इससे पहले तेजस्वी यादव ने बृहस्पतिवार को बयान दिया था कि बिहार में मतदाता सूची के एसआईआर को लेकर पैदा विवाद के बीच उनकी पार्टी और गठबंधन सहयोगी आगामी विधानसभा चुनावों के बहिष्कार का विकल्प खुले रख रहे हैं। विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह एसआईआर के विरोधी नहीं हैं, लेकिन जिस तरीके से निर्वाचन आयोग यह प्रक्रिया चला रहा है, उससे गंभीर आशंकाएं उत्पन्न हो रही हैं।
तेजस्वी ने कहा, ‘‘एसआईआर के नाम पर जो कुछ हो रहा है, वह किसी धोखाधड़ी से कम नहीं है। समय आने पर गठबंधन सहयोगियों से विचार-विमर्श कर हम कोई निर्णय लेंगे।’’ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेताओं ने तेजस्वी की इस टिप्पणी को विपक्ष की हार की स्वीकृति बताया है।