धर्मांतरण गिरोह के कथित सरगना छांगुर बाबा की संपत्ति को प्रशासन ने सोमवार को ध्वस्त कर दिया। एसपी विकास कुमार ने बताया कि यह इमारत सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई थी, जिसे विधिक प्रक्रिया के तहत गिराया जा रहा है। कार्रवाई के दौरान पुलिस और पीएसी की तैनाती की गई थी। बलरामपुर के डीएम पवन अग्रवाल ने कहा कि सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के लिए यह कदम उठाया गया है।
छांगुर बाबा, जिसका असली नाम जलालुद्दीन है, को उत्तर प्रदेश एटीएस ने बीते शनिवार को गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी हुआ था और पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी में मददगार सूचना देने वाले को 50,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी।
यह कार्रवाई राज्य की कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा धर्मांतरण रैकेट के खिलाफ की जा रही सख्त कार्रवाई के तहत की गई। उतरौला क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और संपत्तियों की अवैध उपयोग या अधिग्रहण को लेकर जांच की जा रही है।
इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य सरकार बहन-बेटियों की गरिमा और सुरक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने लिखा, "प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपी जलालुद्दीन की गतिविधियां समाज विरोधी ही नहीं, बल्कि राष्ट्र विरोधी भी हैं। राज्य सरकार कानून-व्यवस्था को लेकर किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरतेगी। आरोपी और उसके गिरोह से जुड़े सभी अपराधियों की संपत्तियां जब्त की जाएंगी और उन पर सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी।"
योगी ने आगे कहा कि शांति, सौहार्द और महिलाओं की सुरक्षा को भंग करने वालों के लिए राज्य में कोई स्थान नहीं है और उन्हें ऐसी सजा दी जाएगी जो समाज के लिए उदाहरण बनेगी।
जांचकर्ताओं के अनुसार, मुंबई निवासी घनश्याम रोहेरा, उनकी पत्नी नीतू और बेटी समाले ने नवंबर 2015 में दुबई में इस्लाम धर्म अपना लिया और अपने नाम क्रमश: जमालुद्दीन, नसरीन और सबीहा रख लिए। बाद में, यह परिवार बलरामपुर के चांद औलिया दरगाह के पास रहने लगा, जहां जलालुद्दीन खुद को सूफी संत हजरत बाबा जमालुद्दीन 'पीर बाबा' बताता था।
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