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कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि राज्य को किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता नहीं है और सभी कल्याणकारी योजनाओं का संचालन राज्य सरकार स्वयं करेगी। ममता ने स्पष्ट कहा कि केंद्र द्वारा भेजे गए नोटिस का कोई महत्व नहीं है और बंगाल 100 दिनों का कार्य कार्यक्रम अपने दम पर चलाएगा। हाल ही में केंद्र ने 6 दिसंबर तक तिमाही श्रम बजट जमा कराने का निर्देश दिया था, जिस पर ममता ने विरोध जताया।ममता बनर्जी ने एक जनसभा में एनआरसी और सीएए का कड़ा विरोध दोहराते हुए कहा कि बंगाल में किसी भी स्थिति में डिटेंशन कैंप नहीं बनने दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि न एनआरसी, न सीएए—बंगाल इन्हें कभी स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की और कहा कि वे बंगाल और लोकतंत्र, दोनों को बचाएंगी।मनरेगा फंड के निलंबन पर केंद्र की आलोचना करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य नेताओं से मुलाकात कर 100 दिनों के कार्य के लिए धनराशि बहाल करने की अपील की थी, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि निचली अदालत से लेकर उच्च न्यायालय तक सभी ने 100 दिनों का काम शुरू करने का आदेश दिया, फिर भी केंद्र ने कोई कार्रवाई नहीं की।
ममता बनर्जी ने यह भी जानकारी दी कि राज्य सरकार ने 32 भारतीय मछुआरों को सफलतापूर्वक वापस लाया है, जो अनजाने में बांग्लादेश की सीमा में प्रवेश कर गए थे। इसके साथ ही एक महिला और उसके बच्चे को भी मालदा सीमा के रास्ते वापस लाया गया है।
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