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समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उनके कार्य राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम की भावना और राज्य की ‘गंगा-जमुनी तहज़ीब’ के अनुरूप नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम का उद्देश्य और प्रेरणा विविधता में एकता को मज़बूत करना है, लेकिन योगी आदित्यनाथ आज उत्तर प्रदेश में किस तरह का काम कर रहे हैं? उत्तर प्रदेश अपनी ‘गंगा-जमुनी तहज़ीब’ के लिए जाना जाता है।अवधेश प्रसाद ने मुख्यमंत्री की ‘बटोगे तो काटोगे’ और बुलडोजर संबंधी टिप्पणियों की भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम एकता, भाईचारे और बेरोज़गारी समाप्त करने का संदेश देता है, जबकि ऐसी टिप्पणियाँ उसके मूल संदेश के विपरीत हैं। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम देश की रक्षा, लोगों को जोड़ने, आपसी सहयोग बढ़ाने और भाईचारे को मज़बूत करने की बात करता है, और यही संदेश भारत को गांधी, लोहिया और जयप्रकाश के आदर्शों वाला राष्ट्र बनाएगा।उधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में वंदे मातरम पर विशेष चर्चा की शुरुआत आज करेंगे। यह चर्चा राष्ट्रीय गीत के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित संसदीय फोकस का हिस्सा है। वंदे मातरम पर चर्चा लगभग आधी रात तक चली, जिसमें बड़ी संख्या में सदस्यों ने अपने विचार रखे। भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ 7 नवंबर को मनाई गई। यह गीत बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा रचित है, जो पहली बार 7 नवंबर 1875 को बंगदर्शन पत्रिका में प्रकाशित हुआ और 1882 में उनके उपन्यास ‘आनंदमठ’ में सम्मिलित किया गया। रवींद्रनाथ टैगोर ने इसे संगीतबद्ध किया था।
संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू हुआ है, जिसमें 18वीं लोकसभा का छठा और राज्यसभा का 269वां सत्र शामिल है। यह सत्र 19 दिसंबर को समाप्त होगा।
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