हिमाचल प्रदेश में 20 जून से 7 सितंबर तक भारी बारिश से आई आपदाओं ने गहरी तबाही मचाई है। बादल फटने, भूस्खलन और अचानक बाढ़ की घटनाओं से राज्य को 4,079 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ है। इस अवधि में 370 लोगों की मौत हुई है, जिनमें भूस्खलन से 43, बादल फटने से 17 और अचानक बाढ़ से नौ मौतें शामिल हैं।राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, बारिश और सड़क दुर्घटनाओं से 205 लोग आपदाओं में और 163 लोग हादसों में मारे गए। 41 लोग अभी भी लापता हैं। आपदाओं के चलते 6,025 घर और 455 दुकानें व कारखाने पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मानसून की शुरुआत से अब तक 135 बड़े भूस्खलन, 95 अचानक बाढ़ और 45 बादल फटने की घटनाओं ने राज्य के कई हिस्सों को प्रभावित किया है।ताजा घटना में कुल्लू जिले के निरमंड इलाके में भूस्खलन से एक महिला बरसीती देवी की मौत हो गई, जबकि चुन्नी लाल, अंजू, जागृति और पुपेश मलबे में दबे होने की आशंका है। ग्राम पंचायत प्रधान भोगा राम ने बताया कि ग्रामीण रात से ही तलाश और बचाव कार्य में जुटे हैं। धर्म दास, उनकी पत्नी कला देवी और शिव राम गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें निरमंड अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कुल्लू में अब तक भूस्खलन की 22 घटनाएं दर्ज हुई हैं, जिनमें सबसे अधिक 15 लोगों की जान गई है। राज्य में हर गुजरते दिन के साथ भूस्खलन और वर्षाजनित आपदाओं की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, जिससे आपदा प्रबंधन की चुनौतियां और गंभीर हो गई हैं।
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