केंद्र सरकार ने जम्मू के बाढ़ प्रभावित जिलों का विस्तृत जमीनी दौरा कर हाल की बारिश से हुए नुकसान का वास्तविक आकलन करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी टीम तैनात की है। बुधवार रात को जम्मू संभागीय आयुक्त रमेश कुमार और अंतर-मंत्रालयी टीम के प्रमुख एवं एनडीएमए के संयुक्त सचिव कर्नल कीर्ति प्रताप सिंह की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक में यह जानकारी दी गई। बैठक में हाल ही में बादल फटने, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से हुए नुकसान पर चर्चा हुई।सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि अगले चार दिन में टीम जम्मू संभाग के प्रभावित जिलों का दौरा कर भारत सरकार को विस्तृत रिपोर्ट पेश करेगी। केंद्रीय टीम में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, विद्युत मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के अधिकारी शामिल हैं।सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने जम्मू में सड़क अवसंरचना को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। बीआरओ प्रवक्ता ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल ने जमीनी कार्यबल को निर्देश दिए हैं कि वे सड़क अवसंरचना की शीघ्र पुनर्स्थापना के उपायों में तेजी लाएं ताकि संपर्क मार्ग जल्द बहाल हो सके।जम्मू क्षेत्र में लगातार नौ दिन बारिश और बाढ़ के कारण 120 से अधिक लोगों की मौत हुई है, साथ ही सैकड़ों मकान, बिजली, पानी, सड़क और कृषि अवसंरचना प्रभावित हुई हैं।साथ ही, बडगाम जिले में झेलम नदी के उफान पर आने से श्रीनगर में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है। प्रशासन ने लासजन, सोइतेंग, नौगाम, व्येथपुरा, गोलपुरा, पादशाहीबाग और महजूरनगर के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी और राहत केंद्र स्थापित किए। स्थानीय समितियों, मस्जिदों और राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों के माध्यम से पहले ही लोगों को सतर्क किया गया।
हालांकि झेलम नदी के निचले इलाकों में जलस्तर बृहस्पतिवार सुबह छह बजे से कम होना शुरू हुआ, दक्षिण कश्मीर के संगम और श्रीनगर के राम मुंशी बाग में नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
|