logo

ननों की जमानत पर 'क्रेडिट' की होड़, केरल में पार्टियों के बीच सियासी संग्राम तेज

Editor - Omprakash Najwani - Aagaj ki Aawaj
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार होने की वजह से पार्टी को ननों की गिरफ्तारी को लेकर केरल में लगातार राजनीतिक दलों के हमले का सामना करना पड़ रहा था लेकिन पार्टी ने डैमेज कंट्रोल करने की पूरी कोशिश की है।छत्तीसगढ़ में कुछ दिन पहले केरल की दो ननों को राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) ने गिरफ्तार कर लिया था। ननों की गिरफ्तारी का यह मामला बड़े पैमाने पर राजनीतिक तूल पकड़ गया था। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पार्टी के सांसदों के साथ इस मामले में संसद परिसर में प्रदर्शन किया था। इसके अलावा केरल की पी. विजयन सरकार ने भी इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। यहां तक कि भाजपा ने भी ननों की गिरफ्तारी को गंभीरता से लिया था। छत्तीसगढ़ और केरल में यह मुद्दा काफी चर्चा में आ गया था और तमाम राजनीतिक दल बीजेपी के खिलाफ खड़े हो गए थे।दोनों ननों को जब शनिवार को जमानत मिली तो केरल सरकार की अगुवाई कर रही CPM सहित विपक्षी कांग्रेस और बीजेपी ने इस मौके को भुनाने की कोशिश की। ये सभी राजनीतिक दल ईसाई समुदाय के साथ मजबूती से खड़े हो गए। बताना होगा कि केरल की राजनीति में ईसाई समुदाय बेहद प्रभावशाली है और ऐसे में कोई भी राजनीतिक दल उन्हें नाराज करने का जोखिम नहीं लेना चाहता।छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) ने प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस के साथ सुकमन मंडावी नाम के शख्स को गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी एक स्थानीय व्यक्ति की शिकायत के आधार पर की गई थी। शिकायत में कहा गया था कि इन लोगों पर तीन महिलाओं का जबरन धर्म परिवर्तन करने और उन्हें छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले से तस्करी के लिए ले जाने का आरोप है। हालांकि तीनों महिलाओं के परिवारों ने इस बात से इनकार किया है कि उन्हें मानव तस्करी के लिए ले जाया गया था।दोनों ननों को एक हफ्ते से ज्यादा समय तक न्याय हिरासत में जेल में रहना पड़ा। इस दौरान केरल के तमाम राजनीतिक दलों के नेता ननों के घर पहुंचे और छत्तीसगढ़ के दुर्ग में स्थित जिस जेल में नन थीं, वहां भी गए थे।छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार होने की वजह से पार्टी को ननों की गिरफ्तारी को लेकर केरल में लगातार राजनीतिक दलों के हमले का सामना करना पड़ रहा था। खुद केरल बीजेपी के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने पार्टी के महासचिव अनूप एंटनी को छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा से मिलने भेजा था। जब ननों की जमानत हुई तो चंद्रशेखर और एंटनी उनसे मिलने पहुंचे। इस दौरान सीपीएम और कांग्रेस के नेता भी वहां मौजूद थे।बीजेपी को इस बात का डर था कि छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी से केरल में ईसाई समुदाय तक पहुंच बढ़ाने की उसकी कोशिशें बेकार साबित हो जाएंगी क्योंकि सीपीएम और कांग्रेस ने इस मौके का फायदा उठाते हुए कहा था कि बीजेपी का असली चेहरा सामने आ गया है।दोनों ननों को जमानत मिलने के बाद राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “मैं उन सभी का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने पिछले कुछ दिनों में ननों की जमानत के लिए काफी कोशिश की।”केरल सरकार के मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने कहा कि यह घटना भाजपा के दोहरे मापदंड को दिखाती है। केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने कहा कि कांग्रेस ननों का समर्थन तब तक करती रहेगी जब तक उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द नहीं हो जातीं। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने कहा था कि अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है।
03-August-2025 || Aagaj ki Aawaj
https://aagajkiaawaj.com/n/d/10184