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पश्चिमी सीमा पर अपाचे की एंट्री: सेना को मिली पहली खेप, हमले और टोही अभियानों में बढ़ेगी ताकत

Editor - Omprakash Najwani - Aagaj ki Aawaj
नई दिल्ली। भारत ने अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाते हुए सेना के लिए पहली बार तीन AH-64E अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की पहली खेप प्राप्त की है। ये शक्तिशाली हेलीकॉप्टर ‘हवा में टैंक’ कहे जाते हैं और इन्हें भारतीय वायुसेना के हिंडन एयरबेस पर उतारा गया। इनका संचालन आर्मी एविएशन कोर द्वारा किया जाएगा। बोइंग द्वारा निर्मित ये हेलीकॉप्टर पाकिस्तान सीमा के पास राजस्थान में तैनात किए जा रहे हैं, जिससे बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर जैसे संवेदनशील जिलों में सुरक्षा व्यवस्था और आक्रामक क्षमताएं मजबूत होंगी। इनकी तैनाती ऐसे इलाकों में हो रही है, जहां से ये मिनटों में पाकिस्तानी सीमा तक पहुँच सकते हैं। अपाचे हेलीकॉप्टर लंबी दूरी तक सटीक हमले करने में सक्षम हैं और अब ये 25 किलोमीटर दूर तक लक्ष्य भेद सकते हैं। इनका रेगिस्तानी रंग इन्हें छलावरण में मदद करता है और ये रडार से बचते हुए ज़मीन से मात्र 30 फीट ऊपर उड़ सकते हैं। ये दिन-रात हमलों और निगरानी अभियानों में बेहद कारगर हैं। 2020 में अमेरिका के साथ हुए 60 करोड़ डॉलर के समझौते के तहत छह हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति की जा रही है, जिसमें से यह पहली खेप है। अपाचे न केवल हमले, बल्कि सुरक्षा, टोही और शांति अभियानों में भी उपयोगी हैं। इनमें नाइट विज़न, सटीक लक्ष्यीकरण प्रणाली, और मानवरहित हवाई वाहनों को नियंत्रित करने की क्षमता है। बोइंग ने कहा है कि AH-64E हेलीकॉप्टर मल्टी-डोमेन ऑपरेशंस के लिए तैयार हैं और अत्याधुनिक तकनीक, सेंसर, हथियार प्रणाली और पावरफुल इंजन से लैस हैं। भारत से पहले अमेरिका समेत 17 अन्य देश अपाचे का संचालन कर चुके हैं।Ask ChatGPT
28-July-2025 || Aagaj ki Aawaj
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